5 Easy Facts About shiv chalisa lyrics in telugu Described

अर्थ- हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।

शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।

ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।

जय जय जय अनंत अविनाशी । करत कृपा सब के घटवासी ॥

देवनः यदा यदा गच्छति स्म तदा तदा आहूतवान्।

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥

Whosoever gives incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with like and devotion, enjoys materials happiness and spiritual bliss Within this planet and hereafter ascends into the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva removes the suffering of all and grants them Everlasting bliss.

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ करने के फायदे 

शिव आरती

अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

भगवान शिव की महिमा का बखान करने के लिए अनेकों अष्टकों की रचना हुई है, जिनमें  शिवाष्टक, लिंगाष्टक, रूद्राष्टक, बिल्वाष्टक काफी प्रसिद्ध हैं, जिसमें शिवाष्टक का विशेष महत्व है।

दानिन click here महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

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